✍️ लेखक: Guruji Sunil Chaudhary
📅 अपडेटेड: जुलाई 2025
📍स्थान: बटला हाउस, दिल्ली
🔴 प्रस्तावना – जब दीवारें बोलने लगती हैं...
बुलडोज़र सिर्फ इमारतों को नहीं गिराता...
वो विश्वास तोड़ता है, सपने मसलता है, और कभी-कभी इंसान की पहचान तक मिटा देता है।
दिल्ली के बटला हाउस इलाके में इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है। पुलिस की बैरिकेडिंग, DDA के नोटिस, हाई कोर्ट की सुनवाई और स्थानीय लोगों की डरी हुई निगाहें — सब मिलकर एक गंभीर सवाल उठा रहे हैं:
👉 “क्या यह केवल अवैध निर्माण का मामला है या इससे भी कहीं ज़्यादा गहरा कुछ?”
📜 इतिहास – मामला कैसे शुरू हुआ?
26 मई 2025 को DDA (Delhi Development Authority) ने बटला हाउस क्षेत्र के खसरा नंबर 279 में कई घरों को लेकर नोटिस चस्पा किए। आरोप था — अवैध निर्माण।
इन नोटिसों में 15 दिन की मोहलत दी गई थी।
लोगों से कहा गया: या तो खुद खाली करो, या बुलडोज़र तैयार है।
लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई वर्षों से रह रहे निवासी डर के साये में जीने लगे।
⚖️ कानूनी प्रक्रिया – कोर्ट की सीढ़ियाँ और स्टे ऑर्डर
नोटिस के बाद कई निवासियों ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया।
अब तक के आंकड़े:
52 प्रॉपर्टीज़ में से 44 को कोर्ट से अंतरिम राहत (Stay) मिल चुकी है।
बाकी 8 मकानों पर फैसला 10 जुलाई 2025 को आने वाला है।
कोर्ट ने DDA से कई सवाल पूछे:
क्या नोटिस सही तरीके से दिए गए?
क्या नक्शे और डेमार्केशन रिपोर्ट्स तैयार हैं?
क्या सभी निवासियों को पर्याप्त सूचना मिली?
जिनके पास दस्तावेज़ मजबूत थे, उन्हें कोर्ट से राहत मिल गई।
जिनके पास पेपर्स अधूरे थे, उन्हें अभी भी डर सता रहा है।
👁️ ग्राउंड रिपोर्ट – डर ने लिया दस्तक
Muradi Road पर बैरिकेडिंग, ड्रोन से निगरानी, और मुनादी का दौर शुरू हो चुका है।
कई किरायेदार और मकान मालिक खुद ही सामान समेटकर बाहर जाने लगे हैं — बिना किसी बुलडोज़र के।
यहाँ की मार्केट्स, शोरूम, और दुकानदार भी अनिश्चितता में हैं।
लोग कह रहे हैं:
“हम 50-60 सालों से यहाँ हैं, बिजली-पानी सब है। अगर ये अवैध है, तो इतने साल क्यों किसी ने नहीं रोका?”
🏙️ क्या ये अकेला मामला है?
नहीं।
दिल्ली में Kalkaji, Ashok Vihar, और Wazirpur जैसे कई इलाकों में Bulldozer Action चल रहा है।
ये एक बड़ा अभियान बनता जा रहा है जिसे “Illegal Construction Clean-up Drive” कहा जा रहा है।
लेकिन हर इलाके में एक जैसी बातें सामने आ रही हैं:
पुराना निर्माण,
बिना नोटिस,
अचानक एक्शन,
और फिर जनता का सवाल: “हमें विकल्प क्यों नहीं दिया गया?”
🧠 सवाल जो समाज को पूछने चाहिए:
अगर निर्माण अवैध था, तो DDA इतने साल चुप क्यों बैठा?
क्या PM-UDAY जैसे रजिस्ट्रेशन योजनाओं का कोई मतलब नहीं?
क्या हर घर गिराने से पहले मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है?
क्या ऐसे एक्शन में relocation या compensation का कोई प्रावधान है?
🔮 आगे क्या?
10 जुलाई 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट अंतिम निर्णय देगा उन 8 प्रॉपर्टीज़ पर जिनके पास अभी भी राहत नहीं है।
DDA को अपनी Demarcation Report, Action Taken Report, और Future Plan पेश करना है।
💬 Guruji की बात – Tandav का सच
“Bulldozer Action सिर्फ Physical Space को नहीं मिटाता…
ये एक समुदाय की आशा, सुरक्षा और पहचान को भी चुनौती देता है।”
“अगर मकान अवैध हैं, तो उचित प्रक्रिया और मानवता जरूरी है।
और अगर वैध हैं, तो उन्हें बचाना ज़रूरी है।”
Guruji Sunil Chaudhary के रूप में मेरा यही कहना है —
सच को समझिए, और फैसलों में संवेदना को जगह दीजिए।
📢 क्या करें आप?
इस ब्लॉग को Share करें ताकि सही जानकारी सब तक पहुंचे।
अगर आप affected हैं, तो अपने documents तैयार रखें।
अपने अधिकारों की जानकारी लें, और जरूरत हो तो Legal Advice ज़रूर लें।
समाज के तौर पर एकजुट रहें — ताकि किसी के घर सिर्फ इसलिए ना उजड़े क्योंकि उसकी आवाज़ कमजोर थी।
📲 संपर्क करें
🙏 यदि आप चाहते हैं सही दिशा और डिजिटल सशक्तिकरण में साथ मिले —
तो जुड़े Guruji Sunil Chaudhary से:
🌐 Website: www.careerbuildingschool.com
📧 Email: connect@careerbuildingschool.com
📲 Social: @suniltams (Instagram, Facebook, Twitter, LinkedIn)
Jai Sanatan 🙏 | Vande Mataram 🇮🇳
Digital Success Coach & Social Commentator – Guruji Sunil Chaudhary
Social and Political Commentar, Nationalist, Mission to Make Positive Impact
Email suniltams@gmail.com
Guruji Sunil Chaudhary
Newsletter
Subscribe now to get daily updates.
Created with © FREE Super System