
🌸 प्रस्तावना - नेपाल इन दिनों आग में जल रहा है। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर पर हमला, उनकी पत्नी का निधन, संसद भवन को आग, और अब तक दर्जनों लोगों की मौत – ये सब किसी साधारण विरोध का नतीजा नहीं है। यह है युवाओं का फट पड़ा गुस्सा, यह है GEN Z की क्रांति। नेपाल की सड़कों पर आज वही तस्वीरें दिख रही हैं, जो कभी भारत में जेपी मूवमेंट, मंडल आंदोलन, अन्ना हजारे आंदोलन या अरब स्प्रिंग में देखी गई थीं।
लेकिन यहाँ पर दो तरह की गलतियाँ हो रही हैं:
कुछ लोग कह रहे हैं – "Nepal में जो हो रहा है, अगला नंबर भारत का है।"
कुछ तथाकथित जिओपॉलिटिकल एनालिस्ट कह रहे हैं – "GEN Z क्या कर लेगा? ये तो सिर्फ सोशल मीडिया की पीढ़ी है।"
सच तो यह है कि दोनों सोचें ही बचकानी और खतरनाक हैं।
🌍 नेपाल का संदर्भ
पिछले 17 साल में नेपाल में 15 सरकारें बदलीं।
लगातार भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता और जनता से कटे हुए नेता – यही आज के विस्फोट की जड़ें हैं।
जब जनता और खासकर युवा वर्ग यह महसूस करता है कि उसके सपनों को बार-बार कुचला जा रहा है, तो परिणाम हमेशा उग्र होते हैं।
नेपाल में आग केवल सरकार के खिलाफ नहीं है, यह सिस्टम के खिलाफ विद्रोह है।
⚡ युवाशक्ति का इतिहास
दुनिया का कोई भी बड़ा आंदोलन हो, युवाओं ने ही उसे दिशा दी है।
भारत का जेपी आंदोलन (1970s) – इंदिरा गांधी जैसी शक्तिशाली नेता की सत्ता हिला दी।
अरब स्प्रिंग (2010s) – ट्यूनिशिया से लेकर मिस्र तक, युवाओं ने पूरे अरब विश्व को बदल दिया।
तियानआनमेन स्क्वायर (चीन) – लाखों छात्रों ने कम्युनिस्ट सरकार को चुनौती दी।
अन्ना आंदोलन (2011, भारत) – भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे देश का माहौल बदल दिया, सरकारें हिल गईं।
यानी, जब Gen Z या युवा वर्ग सड़क पर उतरता है, तो फौजें भी घुटने टेक देती हैं।
🇮🇳 भारत से तुलना क्यों गलत है?
कुछ लोग कह रहे हैं – "श्रीलंका डूबा, नेपाल जला, बांग्लादेश टूटा, अब भारत का नंबर है।"
यह सोच न केवल बेवकूफाना है, बल्कि भारत का अपमान भी है।
👉 कारण साफ हैं:
भारत की डेमोक्रेसी मजबूत है। 5 साल तक सरकारें चलती हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की टॉप-5 में है।
भारत की संस्थाएँ स्थिर हैं।
सबसे बड़ी बात – भारत के पास युवाशक्ति है, लेकिन यह केवल तोड़ने वाली शक्ति नहीं, बल्कि बनाने वाली शक्ति भी है।
भारत और नेपाल की तुलना करना वैसा ही है जैसे किसी गाँव की राजनीति को न्यूयॉर्क या टोक्यो से तुलना करना।
🔥 GEN Z की शक्ति को हल्के में लेना सबसे बड़ी भूल
आज का युवा सिर्फ "लौंडे-लौंडिया" नहीं है।
यही युवा मोदी जैसे नेता को प्रधानमंत्री बना चुका है।
यही युवा सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके नरेटिव बदल देता है।
यही युवा अगर किसी मुद्दे पर गंभीरता से उतर जाए तो देश-विदेश की सरकारें हिल जाती हैं।
निष्कर्ष:
किसी भी सिस्टम, सरकार या नेता के लिए सबसे खतरनाक गलती यही है कि वह युवाओं की महत्वाकांक्षाओं को हल्के में ले।
🌱 सबसे बड़ा सबक
नेपाल का संकट हमें यह सिखाता है कि:
युवाओं की उम्मीदों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता का नतीजा हमेशा विस्फोटक होता है।
भारत को नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश से जोड़कर देखना देशद्रोही मानसिकता है।
भारत को डराने वाले थंबनेल और एनालिसिस असल में शत्रुओं का नरेटिव मजबूत करते हैं।
🌸 समापन
आज नेपाल का युवा आग बन चुका है। कल अगर भारत का युवा खड़ा हुआ तो वह सकारात्मक क्रांति लाएगा – टेक्नोलॉजी, नवाचार और राष्ट्रवाद के माध्यम से। इसलिए जो भारत को नेपाल से तुलना करते हैं, वे न तो भारत को जानते हैं, न ही युवाओं की शक्ति को।
👉 भारत टूटेगा नहीं, भारत और भी मजबूत होगा।
👉 युवाओं को कुचला नहीं जाएगा, बल्कि वही भविष्य लिखेंगे।
जय हिंद 🚩 वंदे मातरम् 🙏
Social and Political Commentar, Nationalist, Mission to Make Positive Impact
Email suniltams@gmail.com

Guruji Sunil Chaudhary
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